Sunday 19 January 2014

जीनु 
हमे तेरी बहुत याद अति है 
तू कैसी है 
तेरा चुन्नू कैसा है 
जीनु 
तुम बहुत अच्छी हो 
तुम्हारे जितनी अच्छी तो 
न बनारस में है 
न ही मुम्बई में 
गोरखपुर में क्या होगी 
सुन, अपने चुन्नू का ख्याल रखना 
वो बहुत उधमी है 
एक जगह नही रुकता 
इससे तू उसकी पिटाई मत किया क्र वो बहुत सरल है 
उसकी आँखे देख कितनी तेज है 
वो चंचल नही है 
गम्भीर है 
तेरे जितना शरारती भी नही है 
सुन, तू ठीक से है न 
तेरे घर में खुशियों कि भरें हो 
तू जंहा होगी , वंहा खुशियां तो रहेगी 
देख , काम में अपने को मत भूल जाना 
और क्या लिखूं 
तू बहुत अच्छी है 
रोज दिए या कैंडिल जलाती है 
आँगन में जलाना 
घर में चुन्नू इधर उधर करता है 
वो, तेरे हर काम को ध्यान से देखता है 
ओके , ठीक रहो 
कुछ भूल रही हो 
मुस्कराती रहना , पर किसी के सामने नही 
ठीक है, कुछ भूल रही, लिखना 

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