pryshi
प्रेयशी उर्वशी
प्रेयशी
रूप चले जाता है
रूप कि धुप ढल जाती है
जवानी चली जाती है
सिर्फ यादें रह जाती है
जो, तुम्हारे अधरों कि
मधुर हंसी कि तरह
दिल से कभी नही जाती
प्रेयशी उर्वशी
प्रेयशी
रूप चले जाता है
रूप कि धुप ढल जाती है
जवानी चली जाती है
सिर्फ यादें रह जाती है
जो, तुम्हारे अधरों कि
मधुर हंसी कि तरह
दिल से कभी नही जाती
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