Tuesday 18 February 2014

दिल कि ये आवाज है 
ये बनारस कि बयार है 

ये तेरा प्यारा सा घर-संसार 
ये तो बता ,
क्यों आता है ,
तुझपर इतना प्यार 

बनारस कि बयार 
तेरा ये सुघर सलोना रूप 
तेरा ये प्यारा सा घर 
तेरा रौनक वाला दर 
जिसमे छायी रहती है 
खुशियां घर के अंदर 
तू जिधर जाती है 
बहारें चली अति है उधर 

ये बसंत कि बयार 
ये तेरा अनमोल उपहार 
तेरा साज-श्रीनगर 
सृंगार 

ये तेरा अनमोल उपहार 
हरओर मुस्कराता तेरा संसार 

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