तुम साथ नही हो
फिर भी तुम साथ साथ
महसूस होती हो
यंही है
तुम्हारे साथ होने का
अहसास , अपने आसपास
जिसे अपने से विलग करना
सम्भव नही
जीवन में तुम
हमेशा से मौजूद हो
क्योंकि, तू हो
मेरा जीवट
जीवन-धन
जैसे मेरे मन ने
तुमे संभल रखा है
ये जीवन इसी तरह से चलता है
कि जिसकी चाहत होती है
वो
वो , कब किसे यंहा मिलता है
ये अहसास मन में हमेशा से पलटा है
कि, जो साथ नही
फिरभी वो , साथ साथ
चलता है
चाहे कितनी ही दूर हो
इसे हितो ,
कहते है कि तुमसे दिल का
दिल का रिस्ता है
कि, तुम हमेशा
मन में घर में
आँगन में
सभी जगह साथ हो
लहकती हुयी
बोगनवालिया कि बेल कि तरह
फिर भी तुम साथ साथ
महसूस होती हो
यंही है
तुम्हारे साथ होने का
अहसास , अपने आसपास
जिसे अपने से विलग करना
सम्भव नही
जीवन में तुम
हमेशा से मौजूद हो
क्योंकि, तू हो
मेरा जीवट
जीवन-धन
जैसे मेरे मन ने
तुमे संभल रखा है
ये जीवन इसी तरह से चलता है
कि जिसकी चाहत होती है
वो
वो , कब किसे यंहा मिलता है
ये अहसास मन में हमेशा से पलटा है
कि, जो साथ नही
फिरभी वो , साथ साथ
चलता है
चाहे कितनी ही दूर हो
इसे हितो ,
कहते है कि तुमसे दिल का
दिल का रिस्ता है
कि, तुम हमेशा
मन में घर में
आँगन में
सभी जगह साथ हो
लहकती हुयी
बोगनवालिया कि बेल कि तरह
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