bnaras ki byar
Tuesday 1 April 2014
ये जीवन
इसी बिना पर
चलता रहा
ये अहसास मन में
पलटा रहा
कि,
तुम हो जीवन में
मन में
आँगन में
लहकती हुयी
बोगनवालिया कि
बेल कि तरह
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