तुन्हे अपने घर संसार में
जुटना होगा
समाहित होना होगा
गंगा जमना के धारों की तरह
जीवन के सतत परवाह में
सभी लड़कियों की तरह तुंम भी
घर के असीम कामों में लग जाओगी
सच, याद आओगी
तुम्हे तो फुर्सत भी नही होगी जब अपनी ग्रस्ति में
हमे तो क्या , अपने आप को भूल जाओगी
प्राणेश्वरी
इतना वादा करना
जब मेरी किताबे आये या
कोई सीरियल आये तो एक लम्हा ठहरकर
देखना उन्हें
फुर्सत से चाय की चुस्कियों के साथ
और तुमसे मिलने का वादा है
फिर किसी जन्म में। …।
जुटना होगा
समाहित होना होगा
गंगा जमना के धारों की तरह
जीवन के सतत परवाह में
सभी लड़कियों की तरह तुंम भी
घर के असीम कामों में लग जाओगी
सच, याद आओगी
तुम्हे तो फुर्सत भी नही होगी जब अपनी ग्रस्ति में
हमे तो क्या , अपने आप को भूल जाओगी
प्राणेश्वरी
इतना वादा करना
जब मेरी किताबे आये या
कोई सीरियल आये तो एक लम्हा ठहरकर
देखना उन्हें
फुर्सत से चाय की चुस्कियों के साथ
और तुमसे मिलने का वादा है
फिर किसी जन्म में। …।
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