Friday 4 April 2014

सारे जहां में 
एक तू मेरी जन्नत 
दूजे तू मेरी , इबादत 
यंही है 
मेरी गलत गलत आदत 
कि, तू है 
जिंदगी कि जरुरत 
जीने कि आदत 

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