Friday, 25 April 2014

बनारस की बयार
बनारस 
बनारस की बयार मई बहुत आशावादी हूँ 
तेरा दिया जलाना मुझे बहुत भात है 
समय से, आज ये 
ये गुजारिश है, मेरी 
जनाजे में मेरी तुम ना आना 
ना ही मेरी मौत पर 
आंसू भान 
मेरी रूह को तब मिलेगा सुकून 
जितनी जल्दी हो सके 
मुझे भूल जाना 
एक कटरा आंसू , अगरचे 
निकले याद में मेरे 
तो, समझना 
तुम्हारे दुःख से 
होगा मुझे तड़पना 
प्रिये, 
ये है, मेरी इल्तिजा 
मेरे लिए आंसू बहकर 
ना मुझे तड़पना 
बीएस एक दिया 
गंगा जी में जलाकर बहन 
बहाना 

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