लिखने को ज्यादा नही है
विश्वनाथ जी की कृपा से
रम्भा अपने संसार में मगन है
इससे ज्यादा और क्या चाहिए
की लड़कियां अपनी ग्रस्ति
व् दुनिया बसाये
अपने मन से जैसे चाहे जी सके
उन्हें अपने तरीके से जीने का हक़ है
ये समझ लड़कियों को न सताए
चाहे शादी हो
चाहे वे अपने करियर में मग्न रहे उन्हें जीने दो
प्यार के नाम पर भी
लड़कियों को मत सताओ
कुछ लोग प्यार के नाम पर
शादीशुदा जिंदगी को बिगड़ते है
मन्नू ने कभी नही चाहा की
रम्भा को डिस्टर्ब हो
उसने रम्भा की जिंदगी
व् नई बसी जिंदगी व् दुनिया के लिए
प्रभु से प्रार्थना ही की
इन्ही प्रेम है
की जिसे चाहते हो उन्हें
निर्विध्न जीने दो
ईश्वर को याद कीजिये
ये जिंदगी बहुत मुश्किल भी हो जाती है
जन्हा तक हो सके दूसरों के
जीवन के लिए
प्रेयर करें
अपना भी भला होगा
विश्वनाथ जी की कृपा से
रम्भा अपने संसार में मगन है
इससे ज्यादा और क्या चाहिए
की लड़कियां अपनी ग्रस्ति
व् दुनिया बसाये
अपने मन से जैसे चाहे जी सके
उन्हें अपने तरीके से जीने का हक़ है
ये समझ लड़कियों को न सताए
चाहे शादी हो
चाहे वे अपने करियर में मग्न रहे उन्हें जीने दो
प्यार के नाम पर भी
लड़कियों को मत सताओ
कुछ लोग प्यार के नाम पर
शादीशुदा जिंदगी को बिगड़ते है
मन्नू ने कभी नही चाहा की
रम्भा को डिस्टर्ब हो
उसने रम्भा की जिंदगी
व् नई बसी जिंदगी व् दुनिया के लिए
प्रभु से प्रार्थना ही की
इन्ही प्रेम है
की जिसे चाहते हो उन्हें
निर्विध्न जीने दो
ईश्वर को याद कीजिये
ये जिंदगी बहुत मुश्किल भी हो जाती है
जन्हा तक हो सके दूसरों के
जीवन के लिए
प्रेयर करें
अपना भी भला होगा
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