Sunday 18 October 2015

मेरे बेटे सोनू को किसी भी बात को लेकर मुझसे हंसी करता रहता है 
फिर हम दोनों उसी बात पर हँसते है 
आज एक शब्द को लेकर हम दोनों हंसने लगे ,
वो, शब्द था, तत्काल 
मैंने सोनू को बताई , माँ कहती थी, सपने में कोई तत्काल दिखा 
मेरी माँ की कोई भी बात पर, सोनू इतना हँसता है 
बताने लगा , एक बार गांव गए थे , तो, सब रत में सोये थे ,
हमारी खाट माँ के बिस्तर से लगी थी, रात ४ बजे सुबह , सोनू की वॉच पर मुर्गा की आवाज में अलार्म 
बजने लगा , तो माँ और ओढ़कर सो गयी , सुबह मुझे बताने लगी, कि उसे तत्काल मुर्गे की आवाज सुनाई देते रही , ये सुनकर हम सब बहुत हँसे , क्यूंकि, वो तो, मुर्गा घडी में अलार्म में बोल रहा था , सोनू को तो, माँ की बात पर जैसे हंसने का बहाना चाहिए , बताने लगा , कि माँ कहती है, की आँगन में रात को कपड़े सुखाना नही चाहिए , वरना ग़ुब्बड यानी उल्लू आकर कपडे चोर लेता है , सोनू बोला क्या उल्लू माँ के कपडे पहनता है, चोरकेँ 
माँ जब कहती है, की उल्लू रात को कपड़े लेजाकर धोता है, तो, मेरा भाई कहता है, उल्लू को कोई काम नही है, जो सबके कपड़े धोता है 
मई सोचती हूँ, जिसे कपडे धोने का आलस आये, वो, रात कपड़े बहार रख दे, उल्लू धोकर रख देगा 
सोनू कहता है, अब घडी में सबकी आवाज लगा देंगे , और रात को माँ के बिस्तर पर रख देंगे , उल्लू की आवाज तो, पिंजला की आवाज, क्युकी माँ इन आवाजों से ही डर्टी है 
माँ जब कहती थी , बाई , हो गया 
तो, सोनू हमेशा कहता , माँ का कब होगा , हमेशा तो कहती है , बाई, हो गया 

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