ये बहुत जरुरी है
कि देश वास्तविक सत्ता प्राप्त करता
लेकिन इतनी गलत साइड में
हमारा लोकतंत्र चले गया
कि रातदिन
sc/st करते
वे देश की नौकरियां बट्टे बताते वक़्त जाता है देश में जैसे
आजादी sc/st के लिए हो
देश इसकदर एक तरफा हो गया है
इतने भेद इतनी परतें हो गयी है
कि हम अब ज्यादा नही समझ सकते
जो संविधान बनाया गया
उसका केंद्र
कुछ वर्ग व् जातियों को फायदा पहुँचाना
व् नौकरियां देना था
उसके बाद से
लोकतंत्र ने
नोट बांटकर वोट बटोरने
और आरक्षण में
अपने को ढल लिया है जो, नौकरी में चले गए
उन्हें कुछ न तो करना है
न कोई उनसे कुछ कराते है एकबार तो, ऐसा था
कि जीरो नंबर लेन वाले २८ उम्मीदवारों को
cjबना दिया गया
उन्होंने कितने जायज फैसले दिए
इसपर समीक्षा नही की गयी
एक छात्र यूँ ही
आत्महत्या कर लेता है और विपक्ष इ नेता उसे टूल देते है
किन्तु ये नही कहते
कि जो किसान आत्महत्या करते है
उनतक पहुंचे
कि देश वास्तविक सत्ता प्राप्त करता
लेकिन इतनी गलत साइड में
हमारा लोकतंत्र चले गया
कि रातदिन
sc/st करते
वे देश की नौकरियां बट्टे बताते वक़्त जाता है देश में जैसे
आजादी sc/st के लिए हो
देश इसकदर एक तरफा हो गया है
इतने भेद इतनी परतें हो गयी है
कि हम अब ज्यादा नही समझ सकते
जो संविधान बनाया गया
उसका केंद्र
कुछ वर्ग व् जातियों को फायदा पहुँचाना
व् नौकरियां देना था
उसके बाद से
लोकतंत्र ने
नोट बांटकर वोट बटोरने
और आरक्षण में
अपने को ढल लिया है जो, नौकरी में चले गए
उन्हें कुछ न तो करना है
न कोई उनसे कुछ कराते है एकबार तो, ऐसा था
कि जीरो नंबर लेन वाले २८ उम्मीदवारों को
cjबना दिया गया
उन्होंने कितने जायज फैसले दिए
इसपर समीक्षा नही की गयी
एक छात्र यूँ ही
आत्महत्या कर लेता है और विपक्ष इ नेता उसे टूल देते है
किन्तु ये नही कहते
कि जो किसान आत्महत्या करते है
उनतक पहुंचे
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