ये लिखना इतना आसान नही था , कि आरक्षण ने हमारे प्रशासन को पलीता लगा दिया , इसने भ्रस्टाचार को शिष्टाचार में बदल दिया ,हमने कभी इस बात पर समीक्षा नही की। आज भी यदि भाजपा अपने आपको अकेली महसूस न करे तो, वह सुशासन के लिए आरक्षण को ख़त्म कर सकती है, क्यूंकि नई नई मांग उठ रही है, सभी जातियां जब आरक्षण मांगने लगेगी तो , देश क्या सिर्फ आरक्षण चलेगा। यदि मुझे आज के लिए ये सत्ता मिल जाए , बिना वोट परवाह किये, आरक्षण तुरंत हटा दूंगी, यूंकि मुझे सत्ता ज्यादा देश प्यार है, जन्हा जातिवाद का नामोनिशान न रहे और और , हम देश में ज्यादा काबिल लोगो को नौकरी लाये।
आज तो ये हाल है , कि सभी या आरक्षण या , सिफारिश से चुने रहे है।
भ्रस्टाचार आरक्षण के कारन है , खत्म करने के लिए आरक्षण ख़त्म करे, जो १० वर्ष के लिए था , अभी तक क्यों चल रहा है. ये वोट की राजनीती , देश को घुन की तरह खा रही है, क्यूंकि जबतक आरक्षण है, भ्रष्टाचार से हम नही लड़ सकते , इसे हिम्मत कर मिटाना होगा , क्यूंकि, जो आरक्षण से आते है, वे सरकारी नौकरी में सिर्फ भ्रस्टाचार का कूड़ा फैलाते है।
यंहा बालाघाट में एक वासनिक इंजीनियर ने ५० लाख का घपला किया , वो पकड़ा जाकर ससपेंड है, बीएस, ५० लाख भी खा लिए , और जो पूल बनाया वो टूट गया, ग्रामीणों को भारी तकलीफ है. एक आरक्षण वाले के लिए , किने गांव वाले मुसीबत झेल रहे , क्या वे वोटबैंक नहीं है. क्या आपने ये नही देखा कि कितने ट्रेनों में बिना टिकिट यात्रा करते व् अपराध करते है, वे कौन लोग है. दरअसल वे वंही है, जिन्हे आरक्षण चाहिए, वे टिकिट भी नही देते, कोई जिम्मेदारी भी नही निभाते, कंही न तो चोरी रोकते है, न कोई बड़ा काम करते है, आरक्षण के बाद ज्यादा आत्मकेंद्रित और स्वार्थी हो जाते है, ये लोग खुलकर रिश्वत लेते है, इन्हे कोई नही रोकता, जो दलितों का हरिजन एक्ट बना है , ये उसका गलत फायदा उठा रहे है, उन्हें पुलिस नही पकड़ सकती , वे यदि जज है, तो कोई अच्छा फैसला नही देते , कोई नवीनता उनके उनके काम में नही होती।
उन्हें देश से मतलब नही, बीएस मलाईदार विघग विभाग उन्हें चाहिए. उन्हें कभी सेना में जाने का मन नही, क्यूंकि वंहा आरक्षण नही होता, जान देनी होती है।
आज तो ये हाल है , कि सभी या आरक्षण या , सिफारिश से चुने रहे है।
भ्रस्टाचार आरक्षण के कारन है , खत्म करने के लिए आरक्षण ख़त्म करे, जो १० वर्ष के लिए था , अभी तक क्यों चल रहा है. ये वोट की राजनीती , देश को घुन की तरह खा रही है, क्यूंकि जबतक आरक्षण है, भ्रष्टाचार से हम नही लड़ सकते , इसे हिम्मत कर मिटाना होगा , क्यूंकि, जो आरक्षण से आते है, वे सरकारी नौकरी में सिर्फ भ्रस्टाचार का कूड़ा फैलाते है।
यंहा बालाघाट में एक वासनिक इंजीनियर ने ५० लाख का घपला किया , वो पकड़ा जाकर ससपेंड है, बीएस, ५० लाख भी खा लिए , और जो पूल बनाया वो टूट गया, ग्रामीणों को भारी तकलीफ है. एक आरक्षण वाले के लिए , किने गांव वाले मुसीबत झेल रहे , क्या वे वोटबैंक नहीं है. क्या आपने ये नही देखा कि कितने ट्रेनों में बिना टिकिट यात्रा करते व् अपराध करते है, वे कौन लोग है. दरअसल वे वंही है, जिन्हे आरक्षण चाहिए, वे टिकिट भी नही देते, कोई जिम्मेदारी भी नही निभाते, कंही न तो चोरी रोकते है, न कोई बड़ा काम करते है, आरक्षण के बाद ज्यादा आत्मकेंद्रित और स्वार्थी हो जाते है, ये लोग खुलकर रिश्वत लेते है, इन्हे कोई नही रोकता, जो दलितों का हरिजन एक्ट बना है , ये उसका गलत फायदा उठा रहे है, उन्हें पुलिस नही पकड़ सकती , वे यदि जज है, तो कोई अच्छा फैसला नही देते , कोई नवीनता उनके उनके काम में नही होती।
उन्हें देश से मतलब नही, बीएस मलाईदार विघग विभाग उन्हें चाहिए. उन्हें कभी सेना में जाने का मन नही, क्यूंकि वंहा आरक्षण नही होता, जान देनी होती है।
No comments:
Post a Comment