आप भी देखिये
पाथेर पांचाली
और अपराजितो,
और, अपूर्व-संसार
सत्यजीत राइ ने किसी आक्षेप के बिना ये बताया ह, कि आजादी के बाद
आजाद भारत में हिंदी पढ़ने वाला
और हिंदीओं का स्वर्ण
कैसे भूखे मरने को छोड़ दिया गया है महसूस कीजिये ये सच को अपने जिस
आशा से आजादी पायी वो, नही मिली
आपके गुरुकुल , आपके खेत-खलिहान छीन लिए गये
आपके पास आजीविका का साधन नही रहा यदि, आप एक स्वर्ण हिन्दू है
तो, आजाद भारत में आप अश्पृश्य हो गये आपके पास रोजीरोतो का साधन नही रहा
मेरी लेखनी आज से यंही सवाल करेगी कि हिंदुस्तान में गुरुकुलों को क्य़ों उजड़ दिया गया
पाथेर पांचाली
और अपराजितो,
और, अपूर्व-संसार
सत्यजीत राइ ने किसी आक्षेप के बिना ये बताया ह, कि आजादी के बाद
आजाद भारत में हिंदी पढ़ने वाला
और हिंदीओं का स्वर्ण
कैसे भूखे मरने को छोड़ दिया गया है महसूस कीजिये ये सच को अपने जिस
आशा से आजादी पायी वो, नही मिली
आपके गुरुकुल , आपके खेत-खलिहान छीन लिए गये
आपके पास आजीविका का साधन नही रहा यदि, आप एक स्वर्ण हिन्दू है
तो, आजाद भारत में आप अश्पृश्य हो गये आपके पास रोजीरोतो का साधन नही रहा
मेरी लेखनी आज से यंही सवाल करेगी कि हिंदुस्तान में गुरुकुलों को क्य़ों उजड़ दिया गया
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