देख
देख तुझ पर एक कविता लिखना है पर ये
किन्तु तू ये तो बता कि क्या लिखना है
ये तो पता है
कि तुम जंहा भी हो
जैसी भी हो
बहुत अच्छी लगती हो
इसके बाद और कुछ
लिखना हो, बाकि
तो, वो भी बताना
कोई बाहना नही बनाना
देख तुझ पर एक कविता लिखना है पर ये
किन्तु तू ये तो बता कि क्या लिखना है
ये तो पता है
कि तुम जंहा भी हो
जैसी भी हो
बहुत अच्छी लगती हो
इसके बाद और कुछ
लिखना हो, बाकि
तो, वो भी बताना
कोई बाहना नही बनाना
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