Tuesday 4 March 2014

मई झूझ रही हूँ इन सवालों से कि 
हिन्दू इतना बिखर क्यों गया 
इतना टूट क्यों गया 
हमारा इतिहास हमारा गौरव पीछे 
छूट क्यों गया 
क्यों गंगा के किनारे जल धरा अवरुद्ध है किसने छीन लिए है 
मेरे स्वर्णिम भारत के इतिहास को किसने रचा है ये 
षड़यंत्र कि मेरा देश आज हिंदुओं को अस्पृश्य 
कह्कर , गालियां देने लगा 
बताओ, मेरे सवालों का जवाब दो मेरे ही देश में हिन्दू 
इतना बेबस , इतना ठुकराया हुवा 
घबराया हुआ 
टुटा हुआ क्यों है 
क्यों है, हिन्दू, अपने ही देश में पारया 

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