Saturday 23 August 2014

लिखने की कोई सीमा नही होती 
फिरभी मेरी मुश्किलें है 
और बहुत बढ़ाएं है साधन नही होते वक़्त व् अनुकूलता नही होती क्या करूँ 
इस जीवन में कितना लिख सकती थी फिर भी नही हो सका 

No comments:

Post a Comment