Monday 22 September 2014

उसकी छुरियों की खनक 
उसकी चूड़ियों की खनक 
उसकी पायल की झंकार 
उसके आने के पहले  करते है 
उसके आने का इजहार 
....... 
 (ये कविता जाने कितने बरसों पहले लिखी थी , 
आज याद आ गयी )

रब्बा , किसी से 
उसका रब न रूठे 
(ये अभी लिखी  है )
जोगेश्वरी 

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