उसकी छुरियों की खनक
उसकी चूड़ियों की खनक
उसकी पायल की झंकार
उसके आने के पहले करते है
उसके आने का इजहार
.......
(ये कविता जाने कितने बरसों पहले लिखी थी ,
आज याद आ गयी )
रब्बा , किसी से
उसका रब न रूठे
(ये अभी लिखी है )
जोगेश्वरी
उसकी चूड़ियों की खनक
उसकी पायल की झंकार
उसके आने के पहले करते है
उसके आने का इजहार
.......
(ये कविता जाने कितने बरसों पहले लिखी थी ,
आज याद आ गयी )
रब्बा , किसी से
उसका रब न रूठे
(ये अभी लिखी है )
जोगेश्वरी
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