Friday 30 January 2015

अबके
अबके बिछड़े हम कुछ ऐसे रंगीले हो गए 
मेरी आँखे सुर्ख , तेरे हाथ पीले हो गए 
(किसी शायर का शेर है , मेरा नही )

Tuesday 27 January 2015

आज का
आज का दिन बहुत खास है 
कि तुमने जिंदगी को नया उत्साह दिया 
नई ऊर्जा दी 
और तुम्हे 
मेरे अँधेरे दिल में 
एक नई रौशनी फैला दी 
यंहा तक कि 
तुम, जाने कहा रहती हो 
पता तक नही 
फिर भी लगता है 
जैसे तुम बहुत पास हो जन्हा भी रहो 
खुश रहो 
आबाद रहो 

Friday 16 January 2015

तुझे तो , नाराज रहना भी नही आता 
ye सोचकर परेशान हूँ, की वो किताबे जो, फेविकॉल से चिपकी है , अलग कैसे होगी 
जरा संभलकर निकलना , निकालना , वरना कवर फट जायेगा 
tumhe kitabe mili ki nhi
lautana, mt,
vrna, ynha ke po me
meri ijjat nhi rahegi
jane, ve kya saluk kre
pta h, ye khyal hota h
ki, knhi vapas n lauta de
bahut, akkhad h, tu
jb, dekho, kahti h
mujhe kuchh nhi hona
are, jo, tera h, 
vo, to, tera hi rahe
vo, kitabe apne pas n rakho to
apne parents ke ghar rakho
jise chahe do,
aur n ho, to,
bhu v bhojpuri adhyan kendra ko do
jo, mn me aye kro
pr, gussa hokr 
lautana mt, pls
tere panv padhti hu