Saturday 16 January 2016

लिखने के प्रति अपनी दीवानगी से मई चमत्कृत हूँ, इससे मुझे  संतुष्टि मिलती है, हालाँकि अंग्रेजी से हिंदी लिखने में गलतियां होती है , पर ब्लॉग मैंने कैफ़े के  लिखे है
और जब मेरे पास लैपटॉप होगा   ठीक से लिख सकुंगी , आज इतना ही........ ये  संवाद भर रहा है .
लिखती  ,प्रधानमंत्री जी को पत्र, यंहा तक कि सिद्धिविनायक मंदिर के संचालक को भी, की गौ-माँ के प्रति सब अपना नज़रिया बदले, इसमें साधु समाज अपना योगदान क्यों नही देता है  

No comments:

Post a Comment