अच्छा नहीं लगता
जब गौओं के काटे जाने की खबर देखती हूँ
मन भीतर तक ुदश
और वीरान सा हो जाता है
लोग गावों में
गौओं को काटे जाने
बेचते है उन्हें
भूखा प्यासा रख जाता है ट्रकों में मारकर
जबरदस्ती खींचकर
निर्ममता से
ले जाते है
क्रूरता किसीके भी प्रति हो
वो, उदास करती है दिल में
हमेशा दर्द का दरिया भ्त है
जब गौओं के काटे जाने की खबर देखती हूँ
मन भीतर तक ुदश
और वीरान सा हो जाता है
लोग गावों में
गौओं को काटे जाने
बेचते है उन्हें
भूखा प्यासा रख जाता है ट्रकों में मारकर
जबरदस्ती खींचकर
निर्ममता से
ले जाते है
क्रूरता किसीके भी प्रति हो
वो, उदास करती है दिल में
हमेशा दर्द का दरिया भ्त है
No comments:
Post a Comment