Tuesday, 10 May 2016

अच्छा नहीं लगता 
जब गौओं के काटे जाने की खबर देखती हूँ 
मन भीतर तक ुदश 
और वीरान सा हो जाता है 
लोग गावों में 
गौओं को काटे जाने 
बेचते है उन्हें 
भूखा प्यासा रख जाता है ट्रकों में मारकर 
जबरदस्ती खींचकर 
निर्ममता से 
ले जाते है 
क्रूरता किसीके भी प्रति हो 
वो, उदास करती है दिल में 
हमेशा दर्द का दरिया भ्त है 

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