Friday 31 May 2013

ye kiski yadon ne li, angdayi

ये किसकी यादों ने
ली , दिलों में अंगडाई, की
तुम्हारी आँखों से
झलक पड़ा  है, यौवन
गुनगुना उठी है , धूप
महकने लगे है ,वन-उपवन
ये किसकी परछाई
कसमसाई नैनों की झील में
ये किसके अधरों ने किया है
आलिंगन का अनुवाद 

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