मैंने भी लिखा था
तुमको एक खत
मगर लौट आया
कि पानेवाले का
पता नही था
कितना यथार्थ
कितना सच
जान लिया था उसने भी
जिसको मैं चाहता था
उसका ही पता नही है
तुम कंही भी रहो
मगर जरूर लिखना इतना
हमने तुमको छह था, उतना
( ये मित्र , परिचित किशनपाल तोमर की की कविता sms से प्राप्त हुई है )
तुमको एक खत
मगर लौट आया
कि पानेवाले का
पता नही था
कितना यथार्थ
कितना सच
जान लिया था उसने भी
जिसको मैं चाहता था
उसका ही पता नही है
तुम कंही भी रहो
मगर जरूर लिखना इतना
हमने तुमको छह था, उतना
( ये मित्र , परिचित किशनपाल तोमर की की कविता sms से प्राप्त हुई है )
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