Saturday 3 December 2016

kishanpal tomar ki kavita

मैंने भी लिखा था 
तुमको एक खत 
मगर लौट आया 
कि पानेवाले का 
पता नही था 
कितना यथार्थ 
कितना सच 
जान लिया था उसने भी 
जिसको मैं चाहता था 
उसका ही पता नही है 
तुम कंही भी रहो 
मगर जरूर लिखना इतना 
हमने तुमको छह था, उतना 
( ये मित्र , परिचित किशनपाल तोमर की की कविता sms से प्राप्त हुई है )

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