मन्नू ने लिखी चिट्ठी
रम्भा को
क्या लिखा
लिखा
dear pear
प्यारी रम्भा चकोरी
गोरी गोरी
दूध कि कटोरी
दिल कि करती चोरी
कोई नही तेरे जैसी
तुम्हारा मन्नू
तो ,रम्भा ने तुनककर लिखा
ये मन्नू
नही,
बालम परदेशी
बालम परदेशी
तेरी ऐसी तैसी
जो तेरी नही , रम्भा
ये पत्र पढ़कर मन्नू को तैस आ गया
उसने लिखा
pear
क्या समझती है ,
तू तो है
मेरी भूरि भैंसी जैसी
ये ये पढ़कर रम्भा को बहुत गुस्सा आया
उसने मन्नू को फिर चप्पल से समझाया
मन्नू मन्नू , मन्नू को, बहुत पछतावा हुआ
उसने लिखा , रम्भा रानी
तू तो है
मेरी भूरि भैसी
जैसी वैसी कोई नही
तब से रम्भा मन्नू से नाराज चल रही है
मन्नू में इतना दिमाग नही कि
अपनी महबूबा पर कोई कविता लिख मारे
और रूठी प्रियतमा को मना ले
हमे मन्नू से बहुत सहानुभूति है
रम्भा को
क्या लिखा
लिखा
dear pear
प्यारी रम्भा चकोरी
गोरी गोरी
दूध कि कटोरी
दिल कि करती चोरी
कोई नही तेरे जैसी
तुम्हारा मन्नू
तो ,रम्भा ने तुनककर लिखा
ये मन्नू
नही,
बालम परदेशी
बालम परदेशी
तेरी ऐसी तैसी
जो तेरी नही , रम्भा
ये पत्र पढ़कर मन्नू को तैस आ गया
उसने लिखा
pear
क्या समझती है ,
तू तो है
मेरी भूरि भैंसी जैसी
ये ये पढ़कर रम्भा को बहुत गुस्सा आया
उसने मन्नू को फिर चप्पल से समझाया
मन्नू मन्नू , मन्नू को, बहुत पछतावा हुआ
उसने लिखा , रम्भा रानी
तू तो है
मेरी भूरि भैसी
जैसी वैसी कोई नही
तब से रम्भा मन्नू से नाराज चल रही है
मन्नू में इतना दिमाग नही कि
अपनी महबूबा पर कोई कविता लिख मारे
और रूठी प्रियतमा को मना ले
हमे मन्नू से बहुत सहानुभूति है
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