मन्नू
मन्नू
मन्नू ने लिखी
रम्भा को चिट्ठी
प्राणों से प्रिय प्रेयशी
कोई नही देखि
तुम्हारे जैसी
जानेमन
तुम्हारे मोहपाश से
बचने का
नही है , कोई जतन
प्रिये
देखि , तुम्हारे घर की दिवाली
दिलवाली
मेरी आँखों में छायी हरियाली
प्रियतमा
तुम्हे सबकुछ आता है
एक, सिवाय , प्यार के
मुझे कुछ भी नही आता
सिवाय प्यार के
तुम्हारे लिए
म मन्नू
मन्नू
मन्नू ने लिखी
रम्भा को चिट्ठी
प्राणों से प्रिय प्रेयशी
कोई नही देखि
तुम्हारे जैसी
जानेमन
तुम्हारे मोहपाश से
बचने का
नही है , कोई जतन
प्रिये
देखि , तुम्हारे घर की दिवाली
दिलवाली
मेरी आँखों में छायी हरियाली
प्रियतमा
तुम्हे सबकुछ आता है
एक, सिवाय , प्यार के
मुझे कुछ भी नही आता
सिवाय प्यार के
तुम्हारे लिए
म मन्नू
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