Monday 10 June 2013

वो तेरा मुस्कराकर
बल खाकर , इतरा  कर देखना
कितनों के दिल चुरा लेता है
वो, तेरे नजरों के तीर फेंकना


ऐसी पड़ी
मानसून की पहली बौछार की
जिन्दगी में  

No comments:

Post a Comment