bnaras ki byar
Saturday 15 February 2014
ये बनारस कि बयार
अनमोल तुम्हारा प्यार
जैसे तुमने संवारा मेरी कविता को
वैसे ही संवारो,
अपना घरबार , और प्यार
ये बनारस कि बयार
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