Wednesday 12 February 2014

माफ़ कीजिये 
आज बनारस कि बयार का साक्षात्कार है 
उनसे पूछते है 
जीनु, आप, ये जानु कहने पर इतना क्यों छिड़ती है 
छिड़ती 
ठीक है 
अच्छा ये बताओ , बबुनी 
तुम्हे रंगोली बनाना क्यों पसंद है 
आप जानती है 
जब आप रंगोली बनती है 
तो, सब आपको ही देखते है 
बबुनी, सब तुम्हे देखते है 
रंगोली को देखे सो मुर्ख 
जो, तुम्हारी जितनी सुन्दर कृति सामने हो तो कोई किसी को क्या देखेगा 
आप खुद में एक सुन्दरतम रंगोली , मेरा मतलब रचना हो 
ठीक, है पहले मुस्करा दो 
फिर दिए जलाना 

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