अ फिर
आ
आ फिरसे मुझे अपना बनाने के लिए आ
आ फिरसे मुझे ग़ज़ल सुनाने के लिए आ
आ फिर किसि बात पर मुस्कराने के लिए आ
आ, फिर से यूँ ही इतराने के लिए आ
आ मेरी निगाहों से शर्माने के लिए आ
आ मेरा दिल लेके मुकर जाने के लिए आ
आ, मुझे नया ख्वाब दिखने के लिए आ
आ झूठे ही सही , रूठ जाने के लिए आ
पर तू आ तो सही , किसी भी तरह से आ
आ
आ फिरसे मुझे अपना बनाने के लिए आ
आ फिरसे मुझे ग़ज़ल सुनाने के लिए आ
आ फिर किसि बात पर मुस्कराने के लिए आ
आ, फिर से यूँ ही इतराने के लिए आ
आ मेरी निगाहों से शर्माने के लिए आ
आ मेरा दिल लेके मुकर जाने के लिए आ
आ, मुझे नया ख्वाब दिखने के लिए आ
आ झूठे ही सही , रूठ जाने के लिए आ
पर तू आ तो सही , किसी भी तरह से आ
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