याद है
तुमने कहा था
तुम मेरे साहित्य से दब गयी हो
और ये कहके चली गयी थी , कि
उबरने तक। ……। विदा
जब तुमने ये कहा तो
मन बहुत उदाश हो गया था
किन्तु एक अश तब भी थी
तुम्हारे लौटकर आने कि
तुम्हारे मिल जेन कि अश
आस आज भी है
दिल के पास
तुमने कहा था
तुम मेरे साहित्य से दब गयी हो
और ये कहके चली गयी थी , कि
उबरने तक। ……। विदा
जब तुमने ये कहा तो
मन बहुत उदाश हो गया था
किन्तु एक अश तब भी थी
तुम्हारे लौटकर आने कि
तुम्हारे मिल जेन कि अश
आस आज भी है
दिल के पास
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