Tuesday 22 April 2014

तुन्हे अपने घर संसार में 
जुटना होगा 
समाहित होना होगा 
गंगा जमना के धारों की तरह 
जीवन के सतत परवाह में 
सभी लड़कियों  की तरह तुंम भी 
घर के असीम कामों में लग जाओगी 
सच, याद आओगी 
तुम्हे तो फुर्सत भी नही होगी जब अपनी ग्रस्ति में 
हमे तो क्या , अपने आप को भूल जाओगी 
प्राणेश्वरी 
इतना वादा करना 
जब मेरी किताबे आये या 
कोई सीरियल आये तो एक लम्हा ठहरकर 
देखना उन्हें 
फुर्सत से चाय की चुस्कियों के साथ 
और तुमसे मिलने का वादा है 
फिर किसी जन्म में। …। 

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