Friday 28 August 2015

आप सभी को रक्षा -बंधन की हार्दिक शुभ-कामनाये 
 जल्द ही इसी पर अपना संस्मरण शुरू कर रही हूँ 
हंसा , जाये अकेला। ……… 

4 comments:

  1. स्त्री तो सद ही बँधनं में बँधती रही है।
    स्वयं सिद्धा ,क्यों चाहेगी कि आज के युग मे कोई उसे दे
    झूठादिलासा ।

    ReplyDelete
  2. रहा बंधन की शुभ कामनाएँ ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. ji ha, apko bhi
      jld apse bat hogi,
      ye asha krti hu

      Delete