स्त्री तो सद ही बँधनं में बँधती रही है।स्वयं सिद्धा ,क्यों चाहेगी कि आज के युग मे कोई उसे देझूठादिलासा ।
vo, jo mmta ke bndhan me jiti h
रहा बंधन की शुभ कामनाएँ ।
ji ha, apko bhijld apse bat hogi,ye asha krti hu
स्त्री तो सद ही बँधनं में बँधती रही है।
ReplyDeleteस्वयं सिद्धा ,क्यों चाहेगी कि आज के युग मे कोई उसे दे
झूठादिलासा ।
vo, jo mmta ke bndhan me jiti h
Deleteरहा बंधन की शुभ कामनाएँ ।
ReplyDeleteji ha, apko bhi
Deletejld apse bat hogi,
ye asha krti hu