मन्नू ने ज्यूँ ही रम्भा को पूलपर , फूल दिया
वो, इतनी अदा से मुस्कराई कि
बेचारे मन्नू वंही फ्लैट होर पुल पर से गिर गए
सीधे नदी में
बेचारी रम्भा बहुत अपसेट हुई
वो, तो नदी की मछलियाँ थी
जिन्होंने अचेत मन्नू को
नदी के तट पर लाकर लिटा दिया
मन्नू ने रम्भा की मुस्कराहट भर तो देखि थी
वो, इतनी अदा से मुस्कराई कि
बेचारे मन्नू वंही फ्लैट होर पुल पर से गिर गए
सीधे नदी में
बेचारी रम्भा बहुत अपसेट हुई
वो, तो नदी की मछलियाँ थी
जिन्होंने अचेत मन्नू को
नदी के तट पर लाकर लिटा दिया
मन्नू ने रम्भा की मुस्कराहट भर तो देखि थी
No comments:
Post a Comment