कितनी बार लिखी है
कहानी , बासंती बयार
एक बसंत था
जो चुपके से दिल के कोने में
बसा रहा,
धंसा रहा स्मृतियों में मई अकेली ही थी किन्तु
किन्तु , बसंत ने कभी मुझे अकेला नही किया
मेरी लेखनी ने बासंती अमृत ही पाया है
चिर यौवना , ये बसंती मन। ……।
जोगी जैसा जीवन
किन्तु ,भरपूर बासंती मन
कहानी , बासंती बयार
एक बसंत था
जो चुपके से दिल के कोने में
बसा रहा,
धंसा रहा स्मृतियों में मई अकेली ही थी किन्तु
किन्तु , बसंत ने कभी मुझे अकेला नही किया
मेरी लेखनी ने बासंती अमृत ही पाया है
चिर यौवना , ये बसंती मन। ……।
जोगी जैसा जीवन
किन्तु ,भरपूर बासंती मन
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