एक दिन
एक एक दिन
एक दिन मन्नू को याद आया की
उसने तो अपनी प्रियतमा को बहुत दिनों से
चिट्ठी नही लिखी है
तो, उसने एक खत लिखा
प्राण प्यारी रम्भा
आप कैसी हो
कुछ हालचाल दो
तो, जवाब के बदले मिला
शिवानी का जूता
हुआ यूँ की मन्नू ने खब्त में
खत पर रम्भा की जगह
लिखा शिवानी का पता
फिर क्या था
शिवानी ने सरे राह
दिलफेंक मजनूं की
अपनी संदल से धुलाई कर दी
एक एक दिन
एक दिन मन्नू को याद आया की
उसने तो अपनी प्रियतमा को बहुत दिनों से
चिट्ठी नही लिखी है
तो, उसने एक खत लिखा
प्राण प्यारी रम्भा
आप कैसी हो
कुछ हालचाल दो
तो, जवाब के बदले मिला
शिवानी का जूता
हुआ यूँ की मन्नू ने खब्त में
खत पर रम्भा की जगह
लिखा शिवानी का पता
फिर क्या था
शिवानी ने सरे राह
दिलफेंक मजनूं की
अपनी संदल से धुलाई कर दी
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