Wednesday 4 June 2014

एक दिन 
एक एक दिन 
एक दिन मन्नू को याद आया की 
उसने तो अपनी प्रियतमा को बहुत दिनों से 
चिट्ठी नही लिखी है 
तो, उसने एक खत लिखा 
प्राण प्यारी रम्भा 
आप कैसी हो 
कुछ हालचाल दो 
तो, जवाब के बदले मिला 
शिवानी का जूता 
हुआ यूँ की मन्नू ने खब्त में 
खत पर रम्भा की जगह 
लिखा शिवानी का पता 
फिर क्या था 
शिवानी ने सरे राह 
दिलफेंक मजनूं की 
अपनी संदल से धुलाई कर दी 

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