मई
मई
मई घरसे
मई
मई घरसे निकली तो देखा
जिंदगी जिंदगी से
लबालब भरी थी भरी है
बच्चों की किलकारी
आँगन में गूंज रही है
और गलियाँ
स्त्रियों की हंसी से गुलजार
मई
मई घरसे
मई
मई घरसे निकली तो देखा
जिंदगी जिंदगी से
लबालब भरी थी भरी है
बच्चों की किलकारी
आँगन में गूंज रही है
और गलियाँ
स्त्रियों की हंसी से गुलजार
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