Monday 14 July 2014

रम्भा आंसू बहते हुए घर पहुंची 
और रंजू से मिन्नत की की वो , मन्नू से शादी कर ले 
इसपर दोनों में खूब बहस तकरार हुई 
रंजू ने अपनी दी पर 
 मन्नू के पास जाने की बात मन ली 
रम्भा तो शादी के बाद उधर जाती भी नही थी 
और मन में सोचती की 
इसबार यंहा मन्नू के  लगे रंजू जब  पहुंची तो मन्नू ने पूजा पथ पूरी की और रंजू के प्रणाम 
पर मुस्करा कर बोले 
चुलबुली , आओ, कैसे पहुंची रंजू बोली, क्या कर रहे आप 
मन्नू ने बताया 
वो, अपनी माँ की जगह खुद सबकी रसोई जाकर बना रहे माँ से कास्ट नही देखा जा रहा 
रंजू ने पूछा, आप  लीजिये मन्नू बोले, मुझसे कौन करेगी, उसके खर्च भी होंगे रंजू ने रम्भा की बात नही बताई 
रंजू ने मन्नू को चिढ़ाने कहा ,
रम्भा दी , बहुत मजे में है, 
जीजू उन्हें पलकों पर रखते है 
खूब चाहते है 
मन्नू ने पूछा शादी के  क्या करती है 
रंजू ने बताया, वो हनीमून जाती है 
मन्नू ने जानना चाहा, ये क्या चाँद पर जाते है 
रंजू ने बताई , मुझे क्या पता ,मेरी शादी थोड़े हुई है 
मन्नू ने पूछा, कहा गई थी, रम्भा रंजू बोली, गोवा 
मन्नू बोला, वंहा क्या 
 रंजू बोली, होटल लेते है 
मन्नू निराश हुआ, बोला, पैसे की बर्बादी क्यों करते है, एक रूम लेते 
रंजू ने बताया, वंही तो 
मन्नू बोला, सिर्फ एक बीएड , 
रंजू ने आँखे तरेरी 
मन्नू बोला, उनकी कोई तस्वीर दिखाओ 
रंजू ने मन्नू को जलाने रम्भा की उसके पीटीआई के संग बहुत रोमेंटिक तस्वीर दिखा दी 
मन्नू बोला, ये तो सुहागरात की है, कौन लेता है ये तस्वीर 
रंजू ने बताई, वो अर्चना सिंह है, न 
मन्नू ने सर ठोका , बोला, ये  सुधरेगी 
फिर रंजू को भूख लगी , 
और मन्नू उसे अपने हाथ की बनी मीठे खिलने लगे बातें इन्ही रुक गयी 

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