Monday, 14 July 2014

आखिर में मन्नू ने वो सस्ती सी चुनर गंगा जी में बहा दी 
जिसे सोचा था, की वो, अपनी रम्भा को देगा 
फिर उसका हाथ पकड़कर फेरे लेगा, ये सब सच्चाई  से दूर था 
हक़ीक़त में मन्नू की औकात नही थी, की वो अपने डम्पर  दाम  डैम डीएम 
डम्पर डैम बलबूते पर अपनी परंपियरी को एक वक़्त का पेटभर खिलता 
तब रम्भा व् उसके बीच धन की खाई थी 
वो, कंही से भी अपनी परंपियरी प्राणपियरी का पूरा नही कर सकता 
था  चुनरी  गंगा मैया को चढ़ा कर  घ्रस्थि ग्रस्त घरसंसार की दुआ की 
तभी वंहा रंजू दीपदान करने रंजू आई 
  उसकी आँखे   बहनों का  
रंजू ने उसे समझाया , मन्नू डा, आप अपने स्टार की लड़की स्तर से विवाह कर लो 
 जानते की  
  लगी 
की आखिर आप रम्भा को क्या  हो ,कुछ भी नही 
खली याद  कीजिये 
ये लीजिये हमारी शादी की पत्रिका 
 को हमेशा   होता है, ये जिंदगी  
 जिंदगी  

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