Tuesday 18 November 2014

मुझे
मुझे बनारस की बयार से ये दिशा निर्देश प्राप्त हुए है की 
मई जो भी पोएट्री लिखूं 
वो, स्तरीय हो 
कंही से भी फूहड़ता न हो 
और कोई गलत बात न हो 
जिससे किसी के भी भावनाओं को ठेस पहुंचे 
इश्लीए हमे कुछ भी लिखना है 
वो, बहुत सोच समझ के हो 
साहित्यिक हो 
और वो, बनारस की बयार को भी पसंद हो 
बयार आजकल गंभीर मूड में है 
वो, बेमतलब के हंसी-मजाक को बर्दास्त नही करती 
और 
उसे ये बिलकुल पसंद नही की 
कोई, कुछ भी लिख मारे 
सब  नही होता 
इश्लीए इसमें हम जिंदगी की बात लिखेंगे 
मेरी नावेल के प्रकाशक 
आजकल, ठीक से जवाब नही दे रहे है 
मई अपनी किताब के लेट होने से भी परेशान हु 
आप सभी को जो वाद , वादा किया था, वो 
मेरी  लेट होने से झूठा हो गया 
इससे भी मई खिन्न हूँ 
आजकल, वैसे भी परीक्षाओं के दिन है 
जो, शिक्षा जगत से है 
वे सभी व्यस्त है 
मई भी संभलकर लिखूंगी 
किताब आ जाए 
और  उदाशि दूर  सके 

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