Friday 21 November 2014

अपनी
अपनी किताब के इंतजार में हूँ 
किसी काम में मन नही लगता 
रत को 
रात में नींद खुलती है 
तो, किताब  आती है 
ते किताबें बहुत सताती है 
आप कभी 
किताब के चक्कर में मत होना 
वरना, बहुत तन्हा हो जायेंगे 
कोई, साथ नही देता 
हमे अकेले ही अपनी समस्या झेलनी होती है 
प्रकाशक को इससे मतलब नही की 
हम लेखक कितना जुड़े होते है 
अपनी आने वाली किताब से 

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