Sunday 20 March 2016

मन्नू ने रम्भा को चिट्ठी लिखी 
स्वीटहार्ट , कैसी हो 
क्यों इतनी मगरूर हो गयी 
दुनिया में सब तुम्हे देख सकते है 
एक मन्नू को ये आज़ादी नही है 
कबतक रूठी रहोगी 
कुछ तो  रहम करो 

No comments:

Post a Comment