मन्नू ने रम्भा को चिट्ठी लिखी
स्वीटहार्ट , कैसी हो
क्यों इतनी मगरूर हो गयी
दुनिया में सब तुम्हे देख सकते है
एक मन्नू को ये आज़ादी नही है
कबतक रूठी रहोगी
कुछ तो रहम करो
स्वीटहार्ट , कैसी हो
क्यों इतनी मगरूर हो गयी
दुनिया में सब तुम्हे देख सकते है
एक मन्नू को ये आज़ादी नही है
कबतक रूठी रहोगी
कुछ तो रहम करो
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