o
o b anaras ki byar
जब भी मिलती है
कोई न कोई धमाल करती है
जेन क्यों
जाने क्यों निगाहों से
हजारों सवाल करती है
जब भी मुस्कराती है
वाकई कमल
वाकई कमाल करती है
जिससे भी मिलती है
उसे माला मॉल करती है
तू तो जन्नत कि पारी \
तुम तो जन्नत कि प्री
पारी परी है
हुस्ने जमाल करती है
ये नही बताती किअभी कि क्या मन ही मन ख्याल
ख्याल करती है
o b anaras ki byar
जब भी मिलती है
कोई न कोई धमाल करती है
जेन क्यों
जाने क्यों निगाहों से
हजारों सवाल करती है
जब भी मुस्कराती है
वाकई कमल
वाकई कमाल करती है
जिससे भी मिलती है
उसे माला मॉल करती है
तू तो जन्नत कि पारी \
तुम तो जन्नत कि प्री
पारी परी है
हुस्ने जमाल करती है
ये नही बताती किअभी कि क्या मन ही मन ख्याल
ख्याल करती है
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