Wednesday 24 December 2014

renu dear
प्रिय रेनू 
जल्दी में लिख रही हूँ 
मेरी किताबें अभी तक 
मुझे प्रकाशक ने नही भेजी है 
मिलते ही भेजूंगी 
वेट करना 
फिर मिलते है 
जोग 
bahut mjaki h
jog ko log
aur jane kya kya 
likh deti thi
hmesha chidhane ki ada
mai apne lmbe nam ka short kr
jog likh deti hu
uska apne tarike se  krti h
mujhe gussa to bahut ata tha
आज प्रकाशक जी कहा है 
की वे किताबे भेज रहे 
यदि ६० भेजे तो १० भेजूंगी 
वरना ५ 
वैसे भी तुम्हे बोझ होगा 
फिर भी ५ बुक्स का मुझपर  कर्ज रहेगा 
देखते है , मुझतक कितनी किताबें आती है 
यदि ५० , भेजते है 
तो, तुम्हे पूरी १० प्रतियां भेज दूंगी 
सबके नाम भी लिख दूंगी 
ये मुझपर 
तुम्हारा कर्ज है 
क्योंकि , पारिजात 
तुमसे प्रेरित पात्र है 
और आप कैसी हो 
मई वंही पुराने पटे पर भेजूंगी 
तुम्हारी प्रसंशिका 

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