आखिर एक दिन मन्नू के जज्ब से बहार हो गए
दिल के हालत
मन्नू ने रम्भा को लिखा
प्राणप्यारी
आखिर बात क्या है
कि
सब तुम्हे देखे
सिर्फ ,मन्नू तुम्हे न देखे
क्या मन्नू की सजा इतनी बड़ी है
कि वो, तुम्हे देख भी न सके
रम्भा ने लिखा
देखना है, तो
मन की आँखों से देखो
मन्नू ने पूछा
लेकिन मन की आँखों से तो,
सब कुछ दीखता है
कुछ कम देखना हो तो
हक़ीक़त में देखना चाहिए
रम्भा ने नाराज होकर कहा
तुम्हारी इन्ही आदतों से
तुम्हे सजा दी गयी है
जो, देखना है देखो
तुम्हे किसने रोक है
दिल के हालत
मन्नू ने रम्भा को लिखा
प्राणप्यारी
आखिर बात क्या है
कि
सब तुम्हे देखे
सिर्फ ,मन्नू तुम्हे न देखे
क्या मन्नू की सजा इतनी बड़ी है
कि वो, तुम्हे देख भी न सके
रम्भा ने लिखा
देखना है, तो
मन की आँखों से देखो
मन्नू ने पूछा
लेकिन मन की आँखों से तो,
सब कुछ दीखता है
कुछ कम देखना हो तो
हक़ीक़त में देखना चाहिए
रम्भा ने नाराज होकर कहा
तुम्हारी इन्ही आदतों से
तुम्हे सजा दी गयी है
जो, देखना है देखो
तुम्हे किसने रोक है
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