मन्नू को रम्भा का खत मिला
की कोई कविता तुम्हे नही लिखते आती
सब , इधर उधर की फेका फेंकी। …
इसकी उसकी देखा देखि। …।
मन्नू ने लिखा
ये सुनफ़री
सुंदरी
आपको देखके
जिसे जो कविता याद हो
वो, भी भूल जाये
लेकिन , लिखे तो, कोई क्या लिखे
की कोई कविता तुम्हे नही लिखते आती
सब , इधर उधर की फेका फेंकी। …
इसकी उसकी देखा देखि। …।
मन्नू ने लिखा
ये सुनफ़री
सुंदरी
आपको देखके
जिसे जो कविता याद हो
वो, भी भूल जाये
लेकिन , लिखे तो, कोई क्या लिखे
No comments:
Post a Comment