Wednesday 13 November 2013

 लिख रही हूँ  नही ,  
 ये कलावती मन्नू बना है 
उसकी रम्भा से  रही है, वो रस्ते में है 
कल लिखती 
आज सिंडी ने मेरी  जान खा लिया , मोबाइल के मारे 

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