Friday, 15 November 2013

देखो
देखो जो तुम चाहो वंही होगा 
इतना गुस्सा क्यों करती हो 
क्या बात हो गयी 
मैंने जो लिखी थी 
गलत था, तो नही लिखूनी 
कभी नही लिखूंगी 
आब तो गुस्सा त्याग दो 

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