Friday 29 November 2013

मन्नू -आप उस जगमोहन को चाहती हो , उसमे क्या है, एक फूंक से उड़ जाये 
रम्भा-तुम तो बिलकुल गधे हो, तुम्हे कुछ नही पता , कि वो मेरे दिल में रहते है 
मन्नू-- वो, तो  गधा है , आप नही जानती, ये मन्नू ने भूरि भैसीन के दुधवा बेचके उसे पढ़ाया लिखाया ,
रम्भा --मुझे कुछ नही पता, वो मेरे देवता है (शरमाते हुए ))मेरा प्यार है 
मन्नू- प्यार व्यार नही पता,  किन्तु,क्या मई अंग्रेजी सिखु तो, आप मुझे चाहोगी 
रम्भा (उसे घूरकर देखते हुए )-नही , हरगिज नही 
मन्नू -ये घूरकर  हो, क्या ये नही जानती कि,    

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