तुम ही प्रेरणा रही
तुम ही शक्ति
तुमने ही मुझे संभाला
और जब जीवन के आंधी-तूफान
मुझे मिटने प्र तुल थे तुम हि मेरे अस्तीत्व को बचाती रहि
फिर भी
तुम्हारा उपकार नही सामने आय
तुमने पर्दे के पीछे रहने हि सीखा
तुम ही शक्ति
तुमने ही मुझे संभाला
और जब जीवन के आंधी-तूफान
मुझे मिटने प्र तुल थे तुम हि मेरे अस्तीत्व को बचाती रहि
फिर भी
तुम्हारा उपकार नही सामने आय
तुमने पर्दे के पीछे रहने हि सीखा
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