प्राणप्रिये
प्रिये
सुहग्रति
सुहागराती लाज से
अरुण होते
तुम्हारे कपोल
जब भावी जीवन की
प्रेम-सरिता मे
विचारों में
तुम क्र राहीं थी
किल्लोल
प्रिये
सुहग्रति
सुहागराती लाज से
अरुण होते
तुम्हारे कपोल
जब भावी जीवन की
प्रेम-सरिता मे
विचारों में
तुम क्र राहीं थी
किल्लोल
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