बनारस की बयार
मेरे चांदनी गीतों को
तुम अपने पास मत रखना
इन्हे आप गंगा जी के जल में
उस दिए के संग
चिट्ठी बनाके बहा देना
कंही ये तेरे अंचल में
बोझ न बन जाये
बंजारे की तरह
बहते मेरे गीत
तेरे स्पर्श से
अमर बन जायेंगे
किन्तु तुम उन्हें
अपने पास मत रखना
मेरे चांदनी गीतों को
तुम अपने पास मत रखना
इन्हे आप गंगा जी के जल में
उस दिए के संग
चिट्ठी बनाके बहा देना
कंही ये तेरे अंचल में
बोझ न बन जाये
बंजारे की तरह
बहते मेरे गीत
तेरे स्पर्श से
अमर बन जायेंगे
किन्तु तुम उन्हें
अपने पास मत रखना
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